मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध
सबने मुझे इस बात की ओर प्रेरित किया है कि मैं अपने जीवन का उद्देश्य तय कर लूँ। इसका अर्थ है कि मैं यह संकल्प लूँ की “मैं अपने जीवन में क्या बनना चाहता हूँ।”
हमारा यह संकल्प तब तक महत्वहीन रहेगा, जब तक उसकी उपलब्धि के लिए मैं अडिग और अचल रहने का संकल्प ना ले लूँ।
परिवार, समाज और विद्यालय से प्राप्त ज्ञान और सूचनाओं के आधार पर मैंने जीवन में गांवों में रहकर गांव की दुखी मानवता की सेवा करने का संकल्प किया है।
इतने दिनों तक गांव में रहने के बाद मैंने पाया कि गांव में गरीबी है, अशिक्षा है, बेरोजगारी है और सबसे अधिक बीमारी है। एक बीमारी दबती नहीं की दूसरी आ धमकती है।
गांव वालों के पास बाहर जाकर इलाज कराने को पैसे नहीं है। सरकार के पास इतना समय और साधन नहीं है कि इन गांव वालों की खबर ले सके। ग्रामवासियों की यह वेदना मुझे सदा कचोटती रहती है।
Essay on My Life Goal in Hindi
अतः मैंने डॉक्टर बनने की बात सोची है। डॉक्टर बनकर और गांव में रहकर गरीबों की सेवा करने का मेरा संकल्प है। मैं जानता हूं कि डॉक्टर बनने के लिए मुझे कठिन परिश्रम करना होगा।
मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए प्रतियोगिता परीक्षा होती है। इस परीक्षा में लाखों-लाख विधार्थी बैठते हैं। कुल सीटें मुश्किल से कुछ हजार होती है। फिर भी मेरा आत्मविश्वास है कि उस परीक्षा में मैं अवश्य चुना जाऊंगा।
परीक्षा में चुने जाने के बाद मैं डॉक्टर बनने के लिए मैं एमबीबीएस की पूरी पढ़ाई करूंगा। कड़ी मेहनत करने के बाद जब मैं डॉक्टर बन जाऊंगा तब मेरे सामने फिर एक समस्या आएगी।
परिवार वाले मुझे सरकारी नौकरी में भेजना चाहेंगे लेकिन मेरा निश्चय अटूट है। मैं ऐसा नहीं करूंगा। समाज-सेवा के पुनीत कार्य के सामने मेरे पिताजी को भी त्याग करना पड़ेगा।
मेरा विश्वास है कि वे मेरी प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लेंगे। मैं गरीबों को निशुल्क चिकित्सा करूंगा। अमीरों से प्राप्त पैसे से गरीबों को दवा भी मुफ्त में दूंगा।
” परमपिता परमात्मा से मेरी यह प्रार्थना है कि अपने लक्ष्य को पूरा करने का मुझे साहस दें। “
Final Thoughts –
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