Animal Husbandary Meaning in Hindi
Noun
- पशुपालन
Pronunciation
- Animal Husbandary – एनिमल हस्बेंडरी
Animal Husbandary Details in Hindi
सभ्यता के आदिकाल से ही मानव ने पशुपालन शुरू किया। यह मानव जीवन का अभिन्न अंग है चूंकि इससे मनुष्य को भोजन की आपूर्ति मनोरंजन एवं कृषि कार्य में मदद मिलती है।
इसी कारणवश मनुष्य पशुओं की जीवन पद्धति रख रखाव, पशुओं के भोजन, स्वभाव एवं उन्नत, नस्लों के विकास में दिलचस्पी लेते हैं।
विज्ञान की वह शाखा जिसमें पशुपालन संबंधी बातों का अध्ययन किया जाता है उसे पशुपालन विज्ञान कहते हैं। पशुपालनः भारत की अर्थव्यवस्था में पशुओं का योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
पशु के बिना खेत जोते नहीं जाते, फसलों की दौनी नहीं होती एवं दूध, घी जैसे पौष्टिक आहारों की कल्पना नहीं की जा सकती है।
भारत में 1982 के पशु जनगणना के मुताबिक गाय की संख्या 1920 लाख, भैंस 488, बकरी 940 लाख, सूअर 100 लाख कुकुर 1930 लाख हैं।
इसके अलावे देश में 10 लाख घोड़ा तथा ऊंट हैं। भारत में विश्व का लगभग 16% गाय, 50% बकरी और 4% भेड़ हैं। पशुओं से चमड़ा और खाल प्राप्त किये जाते हैं, जो गाय, भैंस, ऊंट एवं घोड़ा से प्राप्त होते हैं।
इसके अलावे जानवरों के दूध से मक्खन, पनीर तथा हड्डी से उर्वरक तैयार किये जाते हैं। नवीन विकासः भारत में अब आनंद में कृत्रिम गर्भधान विविध एवं शोध के आधार पर ऐसे विधि विकसित की गयी है जिससे गाये एवं भैंस 30 माह की अवस्था प्राप्त करने के पश्चात ही दूध देना प्रारंभ कर देती है।
इस विधि द्वारा एक गाय प्रतिवर्ष 3650 किलोग्राम दूध देगी। भारत में प्रथम पंचवर्षीय योजना में पशुपालन के लाये जो कार्यक्रम थे उसके अनुसार पशुओं के पोषण, स्वास्थ्य, नस्ल एवं उनके उत्पादन के लिए विपणन सुविधायें प्रदान की गयी।
सघन पशु विकास परियोजना 1974-75 में आरंभ की गयी। भारत में 6 पशु नस्ल फार्म सूरतगढ़ (राजस्थान), चिल्लिम एवं कोडापुट (उड़ीसा), धामदाद (गुजरात), अलीमढ़ी (तमिलनाडु) तथा अनदेशनगर (उत्तर प्रदेश) में है।
दूध का उत्पादन: भारत प्रति वर्ष 2.14 करोड़ टन दूध उत्पन्न करता है। खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार भारत प्रति वर्ष 3670 लाख टन दूध उत्पन्न करता है।
राष्ट्रीय दुग्ध परिषद के अध्यक्ष के अनुसार भारत में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धि 1975 ई में 108 ग्राम थी जो 1991 में घटाकर 50 ग्राम हो गयी है।
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